जे. के. लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय (जेकेएलयू) का 13वां दीक्षांत समारोह; छात्राओं ने जीते 10 में से 9 स्वर्ण पदक






 

जयपुर, 23 नवंबर 2025: जयपुर स्थित जे. के. लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय (जेकेएलयू) के परिसर में रविवार को 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ, जिसमें कुल 295 छात्रों को इंजीनियरिंग, प्रबंधन और डिजाइन कार्यक्रमों में डिग्रियाँ और डिप्लोमा प्रदान किए गए। इस वर्ष छात्राओं ने शानदार उपलब्धि दर्ज की और 10 में से 9 स्वर्ण पदक अपने नाम किए, जिससे शैक्षणिक क्षेत्र में महिला छात्रों की उत्कृष्टता एक बार फिर सामने आई।

 


समारोह के मुख्य अतिथि श्री आर. गोपालकृष्णन थे, जो एक प्रसिद्ध लेखक, कॉरपोरेट सलाहकार और टाटा सन्स लिमिटेड के पूर्व निदेशक रह चुके हैं। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के संस्थापक दिवस के अवसर पर भी आयोजित किया गया, जिसे संस्थापक और प्रसिद्ध उद्योगपति लाला लक्ष्मीपत सिंघानिया की जयंती पर मनाया जाता है।

 






दीक्षांत समारोह की शुरुआत जेकेएलयू के प्रो-चांसलर श्री हर्ष पति सिंघानिया के स्वागत संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने सभी विशिष्ट अतिथियों, छात्रों और अभिभावकों का स्वागत किया और जे.के. समूह की 140 वर्षों की उत्कृष्टता और राष्ट्र-निर्माण की विरासत को रेखांकित किया। उन्होंने लाला लक्ष्मीपत सिंघानिया के भारत के औद्योगिक विकास और सामाजिक परिवर्तन में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को भी नमन किया।



अपने संस्थापक दिवस संबोधन में श्री सिंघानिया ने कहा कि आज का समय बहुत तेज़ी से बदल रहा है, खासकर तकनीक के कारण। ऐसे दौर में सबसे ज़रूरी बात यह है कि हम सवाल पूछ सकें, चीज़ों को समझने की कोशिश करें और नए अवसरों के बारे में सोचें। असल में शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी लेना नहीं, बल्कि ऐसा सोच विकसित करना है जिससे हम नई और मुश्किल परिस्थितियों को समझदारी, जिज्ञासा और ज़िम्मेदारी के साथ संभाल सकें।

उत्तीर्ण छात्रों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि जब आप अपने जीवन के नए सफर पर आगे बढ़ रहे हैं, तो यह याद रखें कि आपने अपने कुछ महत्वपूर्ण साल जे.के. लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय में बिताए हैं। इसलिए विश्वविद्यालय से जुड़े रहें, यहाँ वापस आते रहें, अपने विचार और अनुभव हमारे साथ साझा करें।  हम भी आपसे सीखकर आगे बढ़ते हैं। हमें आपके उज्ज्वल भविष्य और उपलब्धियों का गर्व के साथ इंतज़ार रहेगा।

इसके बाद कुलपति प्रोफेसर विजयशेखर चेल्लाबोइना ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और विश्वविद्यालय की वर्षभर की उपलब्धियों की जानकारी दी।

छात्रों को सफलता की शुभकामनाएँ देते हुए प्रोफेसर चेल्लाबोइना ने कहा, “आगे बढ़ते हुए याद रखें कि आपका व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दो अलग यात्राएँ नहीं हैं। एक सार्थक पेशेवर जीवन ही स्थिर व्यक्तिगत जीवन की नींव है। कामकाज की दुनिया बेहद तेज़ी से बदल रही है। आज AI कौशलों को नए तरीके से परिभाषित कर रहा है और आने वाले समय में कोई और तकनीक ऐसा कर सकती है। एक बात निश्चित है कि विश्वविद्यालय में सीखी गई बातें आपकी यात्रा की सिर्फ शुरुआत हैं। आगे जीवन में सफल होने के लिए लगातार सीखते रहना, नई चीज़ें अपनाना और खुद को अपडेट करना ज़रूरी होगा। विश्वविद्यालय आपको मजबूत नींव और व्यावहारिक अनुभव देता है, लेकिन वास्तविक शिक्षा तब शुरू होती है जब आप कैंपस से बाहर कदम रखते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि समय के साथ मैंने एक बहुत महत्वपूर्ण बात समझी है, हमारे सीखे हुए कौशल समय के साथ बदल सकते हैं या कमजोर पड़ सकते हैं, प्रतिभा भी नए रूप ले सकती है, लेकिन हमारा चरित्र हमेशा हमारे साथ रहता है। वही हमें पहचान देता है।

उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर मैं आपको आगे के जीवन के लिए सिर्फ तीन बातें सौंपकर विदा करूँ, तो वे होंगी: संवेदनशीलता – जिससे आप परिस्थितियों और लोगों को गहराई से समझ सकें। विनम्रता – जो आपको सफलता मिलने पर भी जमीन से जुड़े रहने में मदद करती है। जिज्ञासा – जो आपको सीखते रहने, आगे बढ़ते रहने और समय के साथ प्रासंगिक बने रहने की ताकत देती है।

 

इस वर्ष कुल 295 डिग्रियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 103 बी.टेक, 94 बीबीए, 49 बीसीए, 40 बी.डिज़ाइन, 3 एम.डिज़ाइन, 5 पीएचडी और 1 पीजी डिप्लोमा शामिल हैं।

स्वर्ण पदक विजेताओं में मनस्वी जैन, जिन्होंने बी.टेक कंप्यूटर साइंस में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया, और पूर्णा भाटी, जिन्हें सर्वश्रेष्ठ बी.टेक छात्रा घोषित किया गया। बीबीए में खुशी अग्रवाल टॉपर रहीं, जबकि कविशा गुप्ता को सर्वश्रेष्ठ बीबीए छात्रा का स्वर्ण पदक मिला। डिजाइन कार्यक्रम में श्रुति कुमारी ने इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया, जबकि नाओमिका द्विवेदश और जैस्मिन कौर को सर्वश्रेष्ठ बी.डिज़ाइन छात्राओं के रूप में सम्मानित किया गया। बीसीए में त्रिशा रॉय ने टॉप किया और उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पदक भी प्रदान किया गया। वहीं अनय सिन्हल को बी.टेक कंप्यूटर साइंस के सर्वश्रेष्ठ आउटगोइंग छात्र के लिए डॉ. कविता चौधरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

समारोह में जेकेएलयू के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट, एकेडमिक काउंसिल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और डिजाइन संस्थानों के निदेशक, रजिस्ट्रार एवं सीएफओ सीए के.के. माहेश्वरी, तथा परीक्षा नियंत्रक डॉ. उमेश गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।

 

2011 में स्थापना के बाद से जे. के. लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय (जेकेएलयू) ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय पहचान बनाई है। Careers360 ने इसे AAA+ रेटिंग प्रदान की है। India Today की रैंकिंग में जेकेएलयू के इंजीनियरिंग कार्यक्रम को निजी विश्वविद्यालयों में 54वां स्थान, और बीबीए कार्यक्रम को पूरे देश में 70वां स्थान प्राप्त हुआ है। IIRF ने जेकेएलयू को भारत में 64वां और राजस्थान में 9वां स्थान दिया।

 

अंतरराष्ट्रीय Times Higher Education Impact Rankings में विश्वविद्यालय को SDG 8 में राजस्थान में प्रथम स्थान और SDG 5 में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन को इस वर्ष प्रतिष्ठित डॉन नॉर्मन डिज़ाइन अवॉर्ड (DNDA) से सम्मानित किया गया।

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